Gayatri Janeu Yagnopavita Upanayana Cotton Janeu, Gayatri Janeu Sacred Thread Janeu for Puja Made of Pure Cotton Mota Dhaga Red (20 Pieces)
Gayatri Janeu Yagnopavita Upanayana यह यज्ञोपवीत उच्चतम गुणवत्ता वाले धागे से बना है
जनेऊ का प्रयोग हर पूजा में किया जाता है।
ये जनेऊ शुद्ध कपास से बनाए जाते हैं।
यह पूर्ण आकार का यज्ञोपवीत है। जनेऊ का उपयोग हर पूजा में किया जाता है जैसे गणेश पूजन, मां लक्ष्मी पूजन, सतनारायण पाठ आदि।
जनेऊ शरीर और आत्मा को शुद्ध करता है
प्रयोग करने में आसान
जनेऊ क्या है ?
जनेऊ को संस्कृत भाषा में ‘यज्ञोपवीत’ कहा जाता है। यह तीन धागों वाला सूत से बना पवित्र धागा होता है, जिसे व्यक्ति बाएं कंधे के ऊपर तथा दाईं भुजा के नीचे पहनता है।
… जनेऊ में तीन सूत्र – त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश के प्रतीक – देवऋण, पितृऋण और ऋषिऋण के प्रतीक – सत्व, रज और तम के प्रतीक होते है।
जनेऊ क्यों पहनते हैं?
बालक की आयुवृद्धि हेतु गायत्री तथा वेदपाठ का अधिकारी बनने के लिए उपनयन (जनेऊ) संस्कार अत्यन्त आवश्यक है।
धार्मिक दृष्टि से माना जाता है कि जनेऊ धारण करने से शरीर शुद्घ और पवित्र होता है।
शास्त्रों अनुसार आदित्य, वसु, रुद्र, वायु, अग्नि, धर्म, वेद, आप, सोम एवं सूर्य आदि देवताओं का निवास दाएं कान में माना गया है।
जनेऊ कितने प्रकार का होता है?
जनेऊ में मुख्यरूप से तीन धागे होते हैं। प्रथम यह तीन सूत्र त्रिमूर्ति ब्रह्मा, विष्णु और महेश के प्रतीक होते हैं। द्वितीय यह तीन सूत्र देवऋण, पितृऋण और ऋषिऋण के प्रतीक होते हैं और तृतीय यह सत्व, रज और तम का प्रतीक है।
नया यज्ञोपवीत धारण करते समय भी इस मंत्र का पाठ किया जाता है ।
Gayatri Janeu Yagnopavita Upanayana बिना यज्ञोपवीत धारण किये अन्न जल गृहण नहीं किया जाता।
यज्ञोपवीतं परमं पवित्रं प्रजापतेर्यत्सहजं पुरस्तात्।
आयुष्यमग्रं प्रतिमुंच शुभ्रं यज्ञोपवीतं बलमस्तु तेजः
।। ॐ यज्ञो पवीतमसि यज्ञस्य त्वोपवीतेनोपनह्यामि।।
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