Abhimantrit Kaal Bhairav Surksha Raksha Kavach Kaal Bhairav Temple Varanasi अभिमन्त्रिक काल भैरव सुरक्षा कवच
Abhimantrit KaalBhairav Surksha/Raksha Kavach यह काल भैरव सुरक्षा कवच 108 काल भैरव अष्टक ( कालभैरवाष्टकम् ) मंत्र द्वारा अभिमंत्रित है।
काशी में भगवान काल भैरव को कोतवाल (सुरक्षा गार्ड) के रूप में भी जाना जाता है। इस काल भैरव रक्षा कवच से आप के ऊपर किसी भी प्रकार के ब्लैक मैजिक, बुरी नजर का प्रभाव नहीं होता है। Kaal Bairav Surksha Kavach यह हिंदुओं द्वारा पहना जाने वाला एक शक्तिशाली धागा है। यह आमतौर सभी धर्म में ये पहनते है और बुरी शक्तियो से अपने परिवार के लोगो को बचाते है और इसे अपनी दाये कलाई में बाँधते हैं।
यह काल भैरव मंदिर वाराणसी से सिद्ध करके आप के पास जाता है । जो लोग अपने परिवार को काला जादू / तांत्रिक विद्या / नज़र / टोना / टोटका बुरी शक्तिया / नकारात्मक ऊर्जा से बचाना चाहते है ये काल भैरव सुरक्षा कवच उनके दाये कलाई में पहनादे।
काले जादू या बुरी नजर का पता तब तक नहीं चलता हैं, जब तक कि यह जीवन के लिए खतरा या एक लाइलाज बीमारी बन जाए।
आमतौर पर काले जादू या बुरी नजर का पता तब तक नहीं चलता हैं, जब तक कि यह जीवन के लिए खतरा या एक लाइलाज बीमारी बन जाए।
लोगों पर काले जादू के कई प्रभाव पड़ते है , जो निम्नलिखित हैं
- परिवार में दोहराव और अजीब मौतें।
- बुरी आत्माओं से जुड़े मुद्दे।
- स्वयं को नुकसान पहुंचाने वाली प्रवृत्तियाँ।
- अज्ञात दुश्मन और निरंतर विरोध ।
- घर के सदस्यों की विस्तारित बीमारी।
- घर के सदस्यों के बीच विवाद।
- किसी भी चिकित्सकीय कारण के साथ संतानहीनता।
- बच्चों के साथ बार-बार गर्भपात या अप्राकृतिक निधन।
- घर, निर्माण इकाई या किसी भी इमारत के विकास में परेशानी।
- जीवन बेकार प्रतीत होता है। जीवन से निराश होना ।
- दुश्मनों से चिंता और उनसे डर के कारण शांति का अभाव।
- व्यापार में स्थिर हानि से गुजरना।
- काल भैरव रक्षा कवच के लाभ
काल भैरव रक्षा कवच के लाभ
- सकारात्मक ऊर्जा का संचार तेजी से होने लगता है
- यह लोगों को बुरी आत्मा या अवांछित तंत्र मंत्र से दूर रखता है।
- रुके हुए कार्य फिर से शुरु हो जाते है
- आपको और आपके परिवार को बुरी नज़र से दूर रखता है ।
- इसके धरण करने से पढ़ाई में रूचि लगने लगती है
- काला जादू, नज़र, बुरी शक्तियों का प्रभाव नहीं होता है
धारण करने का दिशा निर्देष
दिन-
रविवार या मंगलवार से पहनना शुरू करें।
पहनने की दिशा-
उत्तर दिशा
जगह-
कवच अपने दाहिने हथेली, गले और पैर या कमर पर धारण करें काल भैरव बिभूति का तिलक लगाये
धारण करने का तरीका-
Abhimantrit KaalBhairav Surksha/Raksha Kavach सर्वप्रथम कवच को शुद्ध गंगाजल में सूचित करें उसके उपरांत शिव जी के चरणों में कवच को चढ़ाकर फूल माला तथा अगरबत्ती धूप चंदन हल्दी से पूजा करें पूजा करने के पश्चात कवच को उत्तर की ओर मुंह करके दाहिने हाथ में रखकर बाएं हाथ से दबाएं और अपनी परेशानी को काल भैरव के सामने रखें ऐसा ध्यान करें कि भैरव जी आपके सामने अभय मुद्रा में खड़े हैं दाहिनी हाथ से किरण निकल रही है जो आपके मस्तक पर पढ़ रही हो और आपके समस्याओं परेशानियों का निदान हो रहा हो या तत्पश्चात कवच को धारण करें और
11 बार काशिकापुराधिनाथकालभैरवं भजे का जाप करें
Kalbhairavashtak । Kalabhairava Ashtakam With Hindi Lyrics । श्री कालभैरवाष्टक स्तोत्र
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