शिव पूजा से सम्बंधित पहला नियम भगवान् शिव को अर्पित करने वाले जल को वस्त्र से छान लें। बिना छने जल के बजाय छना हुआ जल अधिक फलदायी है। शिव पूजा से सम्बंधित दूसरा नियम शिव पूजन से पहले स्नान आवश्यक है। वेद स्मृति में स्नान भी सात प्रकार के बताए गए हैं। मंत्र स्नान, भौम स्नान, अग्नि स्नान, […]
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ज्योतिष शास्त्र में अष्टधातु का बड़ा महत्व है। कई पाप ग्रहों का दुष्प्रभाव और पीड़ा दूर करने के लिए अष्टधातु की अंगूठी या अष्टधातु का कड़ा पहना जाता है। भगवान की कई मूर्तियां भी अष्टधातु की बनाई जाती है। इसका कारण है इसकी शुद्धता। अष्टधातु के लाभ और प्रयोग अष्टधातु का अर्थ है आठ धातुओं […]
यह माला लक्ष्मी के सर्वाधिक प्रिय कमल पुष्पों के बीजों से बनाई जाती है| लक्ष्मी को कमल प्रिय होने से उनका नाम पदमा, कमला, पद्महस्ता आदि पड़ा| इस माला पर लक्ष्मी मंत्र का जप करने से साधक को शीघ्र मनोवांच्छित सफलता प्राप्त होती है| माँ लक्ष्मी देवी का श्रीमुख पद्मा के समान सुंदर, कांतियुक्त है, […]
करवा चौथ के व्रत की सही विधि यह व्रत हर साल आता है लेकिन सही विधि से न करने की वजह से इसका फल नहीं प्राप्त हो पाता। सुहागिन महिलाओं के लिये यह दिन काफी अहम है क्योंकि वह यह व्रत पति की लंबी आयु और घर के कल्याण के लिये रखती हैं। करवा चौथ […]
सूर्य, गणेश, दुर्गा, शिव और विष्णु, ये पंचदेव कहलाते हैं, पंचदेव की नित्य पूजा करनी चाहिए और प्रतिदिन इनका ध्यान करना चाहिए. इससे लक्ष्मी माता की कृपा और धन प्राप्त होती है. नित्य पूजा सामग्री भगवान की मूर्ति या तस्वीर पुष्प/माला रोली/कुंकु चन्दन अक्षत/चावल चन्दन सिंदूर दिया/बाती तेल घी अगरबत्ती/धूपबत्ती जल का लोटा नेवैद्य (फल, […]
पितृ पक्ष को श्राद्ध पक्ष के रूप में जाना जाता है, पितृपक्ष भाद्रपद शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा को चालू होता है और सर्वपितृ अमावस्या पर 16 दिनों के बाद समाप्त होता है। पितृ पक्ष में हिन्दू अपने पूर्वज (पितृ) की पूजा करते हैं, खासकर उनके नाम पर भोजन दान और तर्पण के द्वारा। हिंदू पौराणिक […]
हिंदू रिती-रिवाज में पवित्र नदी गंगा का काफी महत्व है। कहा जाता है की गंगा नदी में स्नान करने मात्र से आपके सारे पाप धुल जाते हैं। ता की कृपा से सभी दुर्भाग्य दूर हो जाता है। जब भी भक्तजन गंगा के स्नान के लिए जाते हैं तो वहां से गंगाजल जरूर लेकर आते हैं […]