सूर्य, गणेश, दुर्गा, शिव और विष्णु, ये पंचदेव कहलाते हैं, पंचदेव की नित्य पूजा करनी चाहिए और प्रतिदिन इनका ध्यान करना चाहिए. इससे लक्ष्मी माता की कृपा और धन प्राप्त होती है.

नित्य पूजा सामग्री

  • भगवान की मूर्ति या तस्वीर
  • पुष्प/माला
  • रोली/कुंकु
  • चन्दन
  • अक्षत/चावल
  • चन्दन
  • सिंदूर
  • दिया/बाती
  • तेल
  • घी
  • अगरबत्ती/धूपबत्ती
  • जल का लोटा
  • नेवैद्य (फल, मिठाई)

नित्य पूजा का सकंल्प

पूजन शुरू करने से पहले सकंल्प लें। संकल्प करने से पहले हाथों में जल, फूल व चावल लें। सकंल्प

में जिस दिन पूजन कर रहे हैं उस वर्ष, उस वार, तिथि उस जगह और अपने नाम को लेकर अपनी

इच्छा बोलें। अब हाथों में लिए गए जल को जमीन पर छोड़ दें।

नित्य पूजा विधि

श्रद्धा भक्ति के साथ घी और तेल का दीपक लगाएं।

अगरबत्ती/धूपबत्ती जलाये

सर्वप्रथम गणेश पूजन करें। गणेश जी को स्नान कराएं। वस्त्र अर्पित करें।  धूप ,दीप, रोली/कुंकु, अक्षत, पुष्प , से पूजन करें।

विष्णु जी का ध्यान करे और उन्हें धूप ,दीप, चन्दन, जौ , पुष्प अर्पित करे

शिव जी का ध्यान करे और उन्हें धूप ,दीप, चन्दन, अक्षत ,जौ , पुष्प अर्पित करे

दुर्गा माता का ध्यान करे और उन्हें धूप ,दीप, चन्दन, अक्षत ,सिंदूर , पुष्प अर्पित करे

सूर्य देव का ध्यान करे और उन्हें धूप ,दीप, चन्दन, अक्षत , पुष्प अर्पित करे

अब नेवैद्य (फल, मिठाई,) अर्पित करें।

पीने और हाथ धोने के लिए जल चढ़ाये

पंचदेव की आरती करें।

आचमन के लिए जल चढ़ाये

आरती के पश्चात् परिक्रमा करें।

अंत मैं पुष्पांजलि समर्पित करे

नित्य पूजा के बाद अज्ञानतावश पूजा में कुछ कमी रह जाने या गलतियों के लिए भगवान् के सामने हाथ जोड़कर निम्नलिखित मंत्र का जप करते हुए क्षमा याचना करे

मन्त्रहीनं क्रियाहीनं भक्तिहीनं सुरेश्वरं l यत पूजितं मया देव, परिपूर्ण तदस्त्वैमेव l

आवाहनं न जानामि, न जानामि विसर्जनं l पूजा चैव न जानामि, क्षमस्व परमेश्वरं l

नित्य पूजा विधि  के अनुसार नित्य पूजन करने से ईश्वर की कृपा आप पर सदा बनी रहेगी

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