यह माला लक्ष्मी के सर्वाधिक प्रिय कमल पुष्पों के बीजों से बनाई जाती है| लक्ष्मी को कमल प्रिय
होने से उनका नाम पदमा, कमला, पद्महस्ता आदि पड़ा| इस माला पर लक्ष्मी मंत्र का जप करने से
साधक को शीघ्र मनोवांच्छित सफलता प्राप्त होती है|
माँ लक्ष्मी देवी का श्रीमुख पद्मा के समान सुंदर, कांतियुक्त है, ऊरू पद्मा समान है आप पद्मा से पैदा
हुई है और आप का एक नाम पद्माक्षी भी है आपकी प्रसन्नता के लिए कमल गट्टा प्राय: सरोवरों और
झीलों में पैदा होती है यह कमल पुष्प का बीज माना जाता है| कमल पुष्प लक्ष्मी एवम विष्णु को
अत्यधिक प्रिय है| इसे अनेक नामों से जाना जाता है संस्कृत भाषा में पुंडरिक, रक्तपद्म, नीलपद्म
हिंदी में कमल, पंजाबी में निलोफर, फारसी में गुलनिलोफर, अरबी में क्रंबुलमा कहते है|
जो मनुष्य उत्तम लक्ष्मी की प्राप्ति की कामना करता हो वह कमल गट्टे की 108 दाने की माला पर
लक्ष्मी का मंत्र जप करे तो शीघ्र सफलता मिलती है एवम धन आगमन होता है| कमल गट्टे की
माला द्वारा कनकधारा मंत्र का जप करने से स्वर्ण वर्षा होती है
धर्म शास्त्रों में लक्ष्मी को अत्यधिक महत्व दिया गया है। कमल गट्टे की माला मां लक्ष्मी के चित्र पर पहनाकर पूजा करने से हमेशा सुख-शांति व समृद्धि बनी रहती है। रोजाना सुबह-शाम माला जपने से मां लक्ष्मी सभी मनोकामना पूर्ण करती है।
बिना धन के संसार में कुछ भी नहीं है। सभी सुख सुविधाओं के लिए धन की आवश्यकता होती है। धन की कमी को पूरा करती हैं माता लक्ष्मी। जिस व्यक्ति पर माता लक्ष्मी की कृपा हो उसका जीवन खुशियों से भर जाता है और जिससे माता लक्ष्मी रूठ जाऐं उसका जीवन कष्टों से भर जाता है।
माता लक्ष्मी को कमल बहुत ही प्रिय है। कमल के पांचों अंगों में से देवी कमला को कमल का हर अंग प्रिय है परंतु इन्हें सर्वाधिक प्रिय है कमल का बीज अर्थात कमल गट्टा। अगर कमल गट्टे को किसी भी रूप में पूजा में शामिल किया जाए तो विशेष लाभ की प्राप्ति होती है।
कमल गट्टे की माला से मंत्र श्रीं जगतप्रसूते नमः का जाप करें, इससे अटूट संपत्ति प्राप्त होती है।
कमल और शहद से तांत्रिक हवन करने से निर्धनता का नाश होता है है और गरीब व्यक्ति भी अमीर बन जाता है।
घी में कमल गट्टे मिलाकर लक्ष्मी का भोग लगाने से व्यक्ति राजा जैसा जीवन जीता है।
108 कमल गट्टों की माला लक्ष्मी जी पर चढ़ाने से व्यक्ति को स्थिर लक्ष्मी प्राप्त होती है।
भुने हुए कमल अर्थात मखाने की खीर लक्ष्मी पर चढ़ाने से देवी प्रसन्न होकर धन के भंडार भरती हैं।