महत्व और लाभ”
कड़ा हनुमानजी का प्रतीक है। अष्टधातु कड़ा पहनने से सभी तरह के भूत-प्रेत आदि नकारात्मक शक्तियों से व्यक्ति की रक्षा होती है।
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अष्ट का अर्थ है आठ अत: अष्ट धातु में आठ धातुओ को मिलाया जाता है | ये सभी आठ धातु
अपना अपना महत्व रखती है और इनके मिश्रण से जो अष्ट धातु बनती है उसमे इन सभी का गुण
पाया जाता है | प्राचीनकाल से ही इस मिश्र धातु का प्रयोग ऋषि मुनियों के समय से किया जा रहा
है | अष्ट धातु का ज्योतिष और धार्मिक रूप से अत्यंत महत्व और शुभ मानी जाती है और इसके
कई फायदे है |
अष्ट धातु को मिलाकर सनातन धर्म में देवी देवताओ की प्रतिमा का निर्माण किया जाता है | साथ
ही ज्योतिष शास्त्र में इस धातु में रत्न धारण करवाया जाता है | राहु की दुर्दशा में दायिने हाथ में
इस धातु का कड़ा पहनना शुभ माना जाता है |
हिन्दुओं के लिए अष्टधातु एक अत्यंत शुभ धातु है । प्राचीन काल से ही अष्टधातु का उपयोग
प्रतिमा निर्माण में भी होता रहा है। अष्टधातु का उपयोग प्रतिमा के निर्माण के लिए भी किया
जाता था | इसके अलावा अष्टधातु का प्रयोग रत्न को धारण करने के लिए भी होता था
कड़े का मूल चमत्कार : ध्यान रहे, यह कड़ा हनुमानजी का आशीर्वाद स्वरूप है अत: अपनी
पवित्रता पूरी तरह बनाए रखें। कोई भी अपवित्र कार्य कड़ा पहनकर न करें अन्यथा कड़ा प्रभावहीन
तो हो ही जाएगा, साथ ही इसकी आपको सजा भी मिलेगी।
अष्ट धातु के फायदे
- मुनष्य के स्वास्थ्य से गहरा सम्बंध है यह हृदय को भी बल देता है एवं मनुष्य की अनेक
- प्रकार की बीमारियों को निवारण करता है |
- अंगूठी या कड़ा धारण करने पर यह मानसिक तनाव को दूर कर मन में शान्ति लाता है। यहीं नहीं यह वात पित्त कफ का इस प्रकार सामंजस्य करता हैं कि बीमारियां कम एवं स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव होता है |
- मस्तिष्क पर भी गहरा प्रभाव डालता है | अष्टधातु पहनने से व्यक्ति में तीव्र एवं सही निर्णय लेने की क्षमता बढ़ जाती है। धीरे-धीरे सम्पन्नता में वृद्धि होती है |
- व्यापार के विकास और भाग्य जगाने के लिए शुभ मुहूर्त में अष्टधातु की अंगूठी या लॉकेट में लाजवर्त धारण करें। यह एक बहुत प्रभावशाली उपाय है, सोया भाग्य जगा देता है |
- यदि आप अष्टधातु से बनी कोई भी चीज पहनते हैं तो आप सभी नौ ग्रहो से होने वाली पीड़ा को शांत कर सकते हैं और हाँ ये जरूरी नहीं की आप अष्टधातु से बनी से कोई चीज पहने ही आप अपने घर या ऑफिस में रखते हो तो भी इन नौ ग्रहो से होने वाली पीड़ा को शांत करता है |
- अष्ट धातु से निर्मित कड़ा पहनने से मन शांत और चिंता मुक्त होता है | मानसिक तनाव दूर होते है और स्वास्थ्य पर अच्छा प्रभाव बना रहता है | यह वात कफ आदि बीमारियों को दूर करता है |
- यह धातु दिमाग पर भी असर डालती है और व्यक्ति तुरंत निर्णय लेने में सक्षम हो जाता है |
- व्यापार में फायदा और शुभ हो इसके लिए भी इस धातु से निर्मित अंगूठी धारण की जाती है
- इसके अलावा हाथ में कड़ा धारण करने से कई तरह की बीमारियों से भी रक्षा होती है। जो व्यक्ति बार-बार बीमार होता है उसे सीधे हाथ में अष्टधातु का कड़ा पहनना चाहिए। मंगलवार को अष्टधातु का कड़ा बनवाएं। इसके बाद शनिवार को वह कड़ा लेकर आएं। शनिवार को ही किसी भी हनुमान मंदिर में जाकर कड़े को बजरंग बली के चरणों में रख दें। अब हनुमान चालीसा का पाठ करें। इसके बाद कड़े में हनुमानजी का थोड़ा सिंदूर लगाकर बीमार व्यक्ति स्वयं सीधे हाथ में पहन लें।
ज्योतिष और अष्टधातु का महत्व
शास्त्र के अनुसार हर धातु में करिश्माई शक्तियाँ होती है. धातु अगर सही समय में और ग्रहों की सही स्थिति को देखकर धारण किये जाएं तो इनका सकारात्मक प्रभाव प्राप्त होता है ज्योतिष विद्या के अंतर्गत ज्योतिष शास्त्र बहुत महत्वपूर्ण विषय करार दिया गया है। मान्यता के अनुसार इन रत्नों की किरण रश्मियां जातक को संबंधित ग्रहों के दुष्प्रभाव से बचाती हैं। लेकिन ये रत्न तभी कारगर साबित होते हैं जब कोई आपको इससे संबंधित सही जानकारी आपको दे पाने में सक्षम हैं।
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